Mutual Fund Mein Expense Ratio Kya Hai Aur Isaka Kya Mahatva Hai?

दोस्तों म्यूचूअल फंड मे इन्वेस्ट करना आप मे और काफी चारे लोग चाहते है। हम चाहते है की एक बढ़िया सा फंड मे इन्वेस्ट करके हम लंबे समय मे खूब चारे पैसे कमाएं। हा, एक बढ़िया रिटर्न कमाना सभी का लक्ष्य होते है। लेकिन एक फंड मे इन्वेस्ट करने से पहले हमे कुछ बातों पर ध्यान रखना हमारे लिए ही फायदेमं होते है। जैसे की इक्स्पेन्स रैशीओ (Expense ratio ) तो इस लेख मे हम जानेंगे की म्यूचूअल फंड खरीदते समय Expense Ratio पर नजर रखना जरूरी है या नहीं। तो आइए जानते हे की Mutual Fund Mein Expense Ratio Kya Hai Aur Isaka Kya Mahatva Hai?और कैसे इसे calculate की जाती है। 

Mutual Fund Mein Expense Ratio Kya Hai Aur Isaka Kya Mahatva Hai?

    Mutual Fund Mein Expense Ratio Kya Hai Aur Isaka Kya Mahatva Hai? |  म्यूचुअल फंड खरीदते समय Expense Ratio पर नजर रखना क्यों जरूरी है?

    Expense Ratio यानिकी व्यय अनुपात के बारे मे आप लोग सायद सुना ही होगा। लेकिन क्या है ये Expense Ratio और कैसे calculate की जजती है,आइए चर्चा करते है बहुत ही सरल भासा मे। 

    आप तो जानते होंगे की एक म्यूचूअल फंड को बेहतर ढंग से चलाने के लिए एक या तो एक से ज्यादा Fund Manager की जरूरत होते है। और केवल फंड मैनेजर ही नहीं एक म्यूचूअल फंड को चलाने के लिए और भी बहुत चारे लोगों की जरूरत होते है। इन सब लोगों की यही आशा होते है की कैसे अच्छे से अच्छे कंपनी तथा स्टॉक को ढूंढ कर उन्मे फंड को इन्वेस्ट करे ताकि वो फंड अच्छे रिटर्न काम पाई। और फंड मे इन्वेस्ट करने वाला इन्वेस्टर खुश रहे। लेकिन आप सोचिए अगर म्यूचूअल फंड वाले फंड को इन्वेस्ट करके जो भी रिटर्न कमाए वो सब अगर हम सब इन्वेस्टर मे ही बाते तो खुद कैसे कमाएंगे। टो इसीलिए हर म्यूचूअल फंड रिटर्न के कुछ percentage ( % ) हमे charge करते है, जिसे Expense Ratio बोल जाता है। 

    Mutual fund mei expense ratio kaise calculate kare?

    Expense Ratio Kaise Calculate Kare | Total Expense Ratio क्या है ?

    तों expense ratio को समझने के लिए एक उदाहरण क्यू न लिया जाए। तो आइए एक उदाहरण के माध्यम से समझते हे -

    उदाहरण - आप समझ लीजिए की xyz नाम के कोई भी म्यूचूअल फंड है, और उस म्यूचूअल फंड का Expense Ratio है 1% और उस म्यूचूअल फंड ने साल मे 15% का रिटर्न बनाए है तो उस म्यूचूअल फंड के जो investors होंगे उनको पूरे के पूरे 15% का रिटर्न नहीं मिलेगा। क्युकी उस सालाना रिटर्न से Expense Ratio घटाया जाएगा। अर्थात इन्वेस्टर को ( 15 - 1 = 14% ) का ही रिटर्न मिलेगा। 

    दोस्तों Expense Ratio मे मूलतः दो से तीन charges यनिकी शुल्क जुए होते है। जैसे की Management Fees, Administrative Fees और Distribution Fees आदि इसमे जुए होते है। 

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    एक म्यूचूअल फंड को चलाने के लिए जीतने भी Fees तथा Charges की खर्च आती है इन सब को मिलते हुवे होता है Total Expense Ratio. 

    Mutual Fund खरीदते समय Expense Ratio पर नजर रखना क्यों जरूरी है?

    आप जब Mutual Fund मे इन्वेस्ट करने जाते हो टो आपको उस म्यूचूअलफंड का Expense Ratio पर एक नजर जाखन बहुत ही जरूरी होता है। यह इसीलिए क्युकी आप जब कोई भी म्यूचूअल फंड खरीदने जोते हो तो ऐसे तो Expense Ratio आपको बहुत ही कम दिखाई देगा जैसे की 1%, 1.5%, 0.89 % या इससे भी कम या तो ज्यादा। लेकिन आप जब लंबे समय की नजरिए से देखो तो यही  1% या  2% बहुत बार amount बनते है। आइए एक उदाहरण के माध्यम से इसे बेहतर से समझने की कोशिस करते है -

    उदाहरण

    आप समझ लीजिए की कोई भी एक ब्यक्ति ने कोई भी दो अलग अलग म्यूचूअल फंड मे इन्वेस्ट किया 5 साल के लिए। और उसने हर महीने 5000 हाजार रुपये SIP करते गए। अर्थात हर महीने उस ब्यक्ति ने बराबर 5000 हाजार का amount उन दो म्यूचूअल फंड मे डालते गए। 

    अब समझ लीजिए उदाहरण की तौर पर की उन दो म्यूचूअल फंड मे से, एक म्यूचूअल फंड का Expense Ratio था 1% और दूसरे का था 2%. और दोनों ही म्यूचूअल फंड ने 5 साल मे 15% का रिटर्न देती है। अब आइए देखते है की 5 साल बाद उस ब्यक्ति को कहा कितने लाभ या नुकसान हुआ। 

    • 1) पहला Mutual Fund - SIP कीया 5000 

    Expense Ratio - 1%

    Total Investment 5 साल बाद - 3000000 

    रिटर्न / लाभ - 15 - 1 = 14%   =  Rs - 1,36,004 


    • 2) दूसरा Mutual Fund - SIP कीया 5000 

    Expense Ratio - 2%

    Total Investment 5 साल बाद - 3000000

    रिटर्न / लाभ - 15 - 2 = 13% = Rs - 12,4,017 


    तो आप देखिए की अंतर कितना हुआ - 1,36,004 - 12,4,017 =  11,987 रूपेये का अंतर हो गया सिर्फ 1% का Expense Ratio ज्यादा होने के कारण। 

    आप ने दोनों ही म्यूचूअल फंड मे समान पैसे ( Rs - 5000 ) लगाए और वो भी दोनों मे 5 साल तक, लेकिन जब आप अपने पैसे को निकाले तो आपने देखा की एक मे profit ज्यादा और दूसरे मे profit कम, क्युकी दूसरे मे Expense Ratio ज्यादा था। 

    तो अब तो आप लोगों को पता चल गया होगा की सिर्फ थोर सा Expense Ratio इधर उधर होने से रिटर्न / लाभ मे कितने फरक परता है । 



    निष्कर्ष

    तो आज हमने जाना की म्यूचूअल फंड मे Expense Ratio का महत्त्व कितने है। इसीलिए जब भी आप कोई भी म्यूचूअल फंड खरीदने जाओ तो एक बार Expense Ratio पर ठीक से नजर देना जरूरी होते है। आप कोशिस कीजिए की कम से कम Expense Ratio वाला म्यूचूअल Fund ही चुने investment के लिए ताकि लंबे समय बाद मे आपको मुनाफा ज्यादा मिले और Fees कम से कम देना पड़े। 

    Please Note : "Mutual Fund Mein Expense Ratio Kya Hai Aur Isaka Kya Mahatva Hai?" यह  जानकारी केवल  मात्र शिक्षा के उद्देश्य से है। निवेश करने से पहले अपने  बिसार - बुद्धि का प्रयोग करे और वित्तीय सलाहकार से विचार हमेशा करें।